Sunday, May 20, 2012

ओ सजनी रे


ओ सजनी रे ,ओ सजनी रे
आये पीया रे द्वारे ,मनमोहन हमारे
ले रंगोली सजाये आज द्वारे  रे
हो रंगोली सजाये आज द्वारे  रे
मोरा मन मचले रे ऐसे, हाय मचले रे ऐसे
जेसे सावन में नाचे मयूरा रे
ओ सजनी रे ,ओ सजनी रे
आये पीया रे द्वारे ,मनमोहन हमारे
आज सज लू री ऐसे ,दर्पण देखू री ऐसे
जैसे नई दुल्हनिया आज आई रे
ओ सजनी रे ,ओ सजनी रे
आये पीया रे द्वारे ,मनमोहन हमारे
पोहो बालो में गजरा, ऐसे पैरों में पायल बंधालू रे
जेसे आंगन टपके है बूंदा ,आंगन टपके है बूंदा,मेघा आकाश आज भर आये रे
ओ सजनी रे ,ओ सजनी रे
आये पीया रे द्वारे ,मनमोहन हमारे
राह ताकू खड़ी ,नजरे प्यासी बड़ी ,जैसे कागा मुंडेर बुलाए रे
ओ सजनी रे ,ओ सजनी रे
आये पीया रे द्वारे ,मनमोहन हमारे
आज उडती फिरू ,गाऊ नाचू हंसू , जैसे अम्बुआ पकने पे कोयलिया कूक लगाये री ,जैसे पपीहा सुर से सुर मिलाये रे
ओ सजनी रे ,ओ सजनी रे
आये पीया रे द्वारे ,मनमोहन हमारे
ले रंगोली सजाये आज द्वारे  रे
हो रंगोली सजाये आज द्वारे  रे

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